दिल्ली: डाक पतों का आकर्षण रहे पिन कोड का युग खत्म हो गया है और भारतीय डाक विभाग ने इसके विकल्प के तौर पर ‘डिजीपिन’ नाम से डिजिटल पता पेश किया है। अब से देश में डिजीपिन नई पता प्रणाली होगी। पारंपरिक पिन कोड जहां बड़े क्षेत्र को कवर करते हैं, वहीं 10 अंकों वाला डिजीपिन सिस्टम आपके घर या व्यवसाय के सटीक स्थान को दर्शाता है। आइए जानते हैं कि पिन कोड और डिजीपिन में क्या अंतर है।
भारतीय डाक विभाग ने सटीक स्थान को समझने के लिए डिजीपिन सिस्टम पेश किया है। डिजीपिन में 10 अंकों का डिजिटल कोड होता है। पारंपरिक पिन कोड, जो बड़े क्षेत्र को कवर करता था, की जगह डिजीपिन सटीक स्थान की जानकारी देगा। यानी इस डिजीपिन के जरिए आपके घर या व्यवसाय का सटीक स्थान पता किया जा सकेगा। डिजीपिन बनाने और कोड खोजने के लिए नामित सरकारी वेबसाइट पर जाकर आप अपना घर ढूंढ सकते हैं। डिजिपिन का लाभ यह है कि यह पत्राचार को सही स्थान पर पहुंचाएगा और एम्बुलेंस और अग्निशमन विभाग जैसी आपातकालीन सेवाओं को स्थान को समझकर सटीक रूप से उस तक पहुंचने में मदद करेगा। उम्मीद है कि डिजिपिन ग्रामीण क्षेत्रों सहित दूरदराज के क्षेत्रों में फायदेमंद होगा।
दावा है कि डिजिपिन न केवल पत्राचार के लिए, बल्कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों के लिए भी पार्सल को सही स्थान पर पहुंचाने में सक्षम होगा।
अपना डिजिपिन कैसे खोजें?
अपना डिजिपिन खोजने के लिए सरकारी वेबसाइट https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home तैयार की गई है।
इस वेबसाइट पर जाकर और अपने द्वारा खोजे गए स्थान पर क्लिक करके, आप अपना 10 अंकों का डिजिपिन पता कर सकते हैं। डिजिपिन अन्य एड्रेस सिस्टम से अलग है क्योंकि आप चार मीटर के दायरे में अपना सटीक स्थान जान सकते हैं। इंडिया पोस्ट ने आईआईटी हैदराबाद, एनआरएससी और इसरो के सहयोग से डिजिपिन नामक एक जियोकोडेड डिजिटल एड्रेस सिस्टम विकसित किया है। डिजिपिन का इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकता है।