✍️ पत्रकार मीठालाल पवार की खास खबर

सोजत (पाली)। सोजत उपखंड के खोखरा गांव में करंट लगने से दो किसानों की मौत के बाद उपजा आक्रोश रविवार को परवान चढ़ा, लेकिन प्रशासनिक समझाइश के बाद आखिरकार मामला सुलझ गया। मृतकों के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए धरने को देर शाम समझाइश के बाद समाप्त कर दिया गया।
घटना को लेकर एसडीएम मासिंगाराम जांगिड़, सीओ जेठूसिंह करनोत, तहसीलदार दिलीप सिंह, थानाधिकारी किशनाराम विश्नोई और सिरवी समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रशासन व परिजनों के बीच लंबी वार्ता हुई।
विधुत विभाग के लाइनमैन को किया गया एपीओ
परिजनों की मांगों के बाद प्रशासन ने बिजली विभाग की लापरवाही को गंभीर मानते हुए जिम्मेदार लाइनमैन को एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया है। यह कार्रवाई पीड़ित परिवारों को आंशिक न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे शव, सोमवार को अंतिम संस्कार
मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सोमवार को सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गांव में मातम, परिवारों में कोहराम
खोखरा गांव में शोक की लहर है। भुराराम सिरवी और भंवरलाल सिरवी, दोनों अपने-अपने परिवारों के मुख्य कमाऊ सदस्य थे। उनकी असामयिक मृत्यु ने परिवारों की आर्थिक रीढ़ तोड़ दी है। परिजनों का कहना है कि अगर बिजली विभाग समय रहते ढीली लटकती तारों की ओर ध्यान देता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
ग्रामीणों ने प्रशासन से बिजली विभाग की नियमित निगरानी, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और मृतकों के परिजनों को सरकारी मुआवजा देने की मांग की है।
समाज की एकजुटता और प्रशासन की संवेदनशीलता बनी समाधान की कड़ी
सिरवी समाज के प्रतिनिधियों ने शांतिपूर्वक समाधान की पहल की, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने समय पर पहुंचकर स्थिति को बिगड़ने से बचाया। वार्ता में सहयोग और संवेदनशीलता की भावना से समाधान संभव हो पाया।
यह हादसा न केवल एक तकनीकी लापरवाही का परिणाम है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं की लचर निगरानी की भी पोल खोलता है। अब देखना यह है कि सरकार इस दर्दनाक घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।