✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

सोजत, 11 जून 2025/ — सोजत शहर में आमजन के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर चिकित्सा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को एक बड़ी कार्यवाही की। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. विकास मारवाल के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने सोजतसिटी में संचालित तीन डायग्नोस्टिक लैब्स पर छापा मारा। निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं सामने आने पर दो लैब्स को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया, जबकि तीसरी लैब को सात दिन के भीतर कमियों को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
यह कार्यवाही चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही और अव्यवस्थाओं को रोकने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। सोजतसिटी में यह पहली बार है जब चिकित्सा विभाग ने एक ही दिन में एक साथ तीन लैब्स पर इतनी कठोर कार्यवाही की है।
शिकायतों के बाद की गई कार्यवाही
सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि पिछले कई महीनों से पाली जिले और विशेषकर सोजतसिटी क्षेत्र में संचालित कुछ डायग्नोस्टिक लैब्स को लेकर विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इनमें बिना लाइसेंस, अपात्र स्टाफ द्वारा एक्स-रे और लैब कार्य, बायो मेडिकल वेस्ट का गलत निस्तारण और रेडिएशन से जुड़ी सुरक्षा मानकों की अनदेखी शामिल थीं।
इन्हीं शिकायतों को आधार बनाते हुए चिकित्सा विभाग की टीम ने योजना बनाकर मंगलवार को तीन प्रमुख लैब्स पर एक साथ निरीक्षण किया।
1. लाइफ क्योर डायग्नोस्टिक सेंटर: भारी अनियमितताएं, लैब सील
निरीक्षण के दौरान लाइफ क्योर डायग्नोस्टिक सेंटर में बेहद गंभीर लापरवाहियां और कानूनी उल्लंघन सामने आए।
मुख्य खामियां:
- बिना वैध लाइसेंस के संचालन: लैब के पास चिकित्सा विभाग से जारी किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं था।
- बायो मेडिकल वेस्ट का गलत निस्तारण: खतरनाक मेडिकल कचरे को मानक प्रक्रिया से हटकर खुले में फेंका जा रहा था।
- अनुचित स्टाफिंग: लैब में न तो योग्य रेडियोग्राफर मौजूद था, न ही किसी प्रकार का प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ।
- रेडिएशन सुरक्षा का उल्लंघन: एक्स-रे मशीन में खिड़की और दरवाजों पर आवश्यक लेड शील्ड नहीं लगाए गए थे।
- पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से अनुमति नहीं: पर्यावरण मानकों का उल्लंघन भी पाया गया।
इन सभी कारणों से चिकित्सा विभाग की टीम ने इस लैब को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।
2. पूरण डायग्नोस्टिक सेंटर: लापरवाही उजागर, लैब सील
दूसरी कार्यवाही पूरण डायग्नोस्टिक सेंटर पर की गई, जहां निरीक्षण के दौरान लगभग वही खामियां सामने आईं जो पहली लैब में पाई गई थीं।
मुख्य खामियां:
- रेडियोग्राफर की अनुपस्थिति: बिना योग्य स्टाफ के एक्स-रे किया जा रहा था।
- सुरक्षा उपायों की कमी: एक्स-रे कक्ष में लेड शील्ड की व्यवस्था नहीं थी।
- अन्य प्रशासनिक अनियमितताएं भी पाई गईं।
चिकित्सा विभाग ने इस लैब को भी गंभीरता से लेते हुए सील करने का निर्णय लिया।
3. शिवाय एक्स-रे लैब: चेतावनी देकर छोड़ा गया
तीसरी लैब शिवाय एक्स-रे लैब में अपेक्षाकृत कम खामियां पाई गईं। टीम ने वहां कुछ तकनीकी एवं प्रशासनिक कमियां चिन्हित कीं, लेकिन इन्हें तत्काल सुधार योग्य मानते हुए सात दिन की मोहलत दी गई। निर्देश दिए गए हैं कि यदि निर्धारित समय सीमा में सुधार नहीं किया गया, तो अगली कार्यवाही में इसे भी सील किया जा सकता है।
सीएमएचओ बोले – जनता की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने कार्यवाही के बाद स्पष्ट संदेश दिया कि चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही चेतावनी है उन सभी लैब संचालकों के लिए जो बिना अनुमतियों और मानकों के सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगे भी जिले में ऐसी औचक जांचें जारी रहेंगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टीम में शामिल अधिकारी
इस महत्वपूर्ण कार्यवाही में सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल के साथ:
- एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. अंकित माथुर
- मां योजना के डीपीसी श्री रामप्रकाश गढ़वाल
भी उपस्थित रहे, जिन्होंने मौके पर ही सभी कागजातों और व्यवस्थाओं की जांच कर रिपोर्ट तैयार की।
जनता को अपील
चिकित्सा विभाग ने आमजन से अपील की है कि किसी भी डायग्नोस्टिक लैब या एक्स-रे सेंटर में जांच करवाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह केंद्र मान्यता प्राप्त हो, प्रशिक्षित स्टाफ से सेवाएं दी जा रही हों और सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा हो।
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सोजत में चिकित्सा विभाग की यह बड़ी कार्यवाही न केवल लापरवाह लैब संचालकों के लिए चेतावनी है, बल्कि आमजन के लिए राहत की खबर भी है। इससे यह साफ संकेत मिला है कि अब स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग सख्त रुख अपनाएगा।