✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जोधपुर (फलोदी)।
राजस्थान के जोधपुर जिले में एक चौंकाने वाले हनी ट्रैप मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें सिर्फ एक स्कूल संचालक ही नहीं बल्कि जोधपुर पुलिस के दो अधिकारी, एक फौजी और जयपुर निवासी व्यक्ति भी फंस चुके हैं। फलोदी जिले के मतोड़ा थाना पुलिस ने इस मामले में पूनासर गांव निवासी स्कूल संचालक मेघाराम जानी की आत्महत्या के मामले में मुख्य आरोपी महिला संतोष उर्फ शांति जाट को रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी महिला ने कई लोगों को प्रेम जाल में फंसाकर अश्लील वीडियो और फोटो के जरिए ब्लैकमेल किया और करीब 15 लाख रुपये ऐंठे। इस गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उससे पूछताछ शुरू कर दी है और कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं।
ब्लैकमेलिंग से तंग आकर की आत्महत्या
पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना ने बताया कि स्कूल संचालक मेघाराम ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें महिला संतोष द्वारा मानसिक प्रताड़ना, वीडियो वायरल करने की धमकी और लगातार पैसों की मांग से परेशान होकर जान देने की बात लिखी गई थी। इसके आधार पर मेघाराम के भाई मदन ने महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।
पुलिस और फौज के अधिकारी भी नहीं बचे
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी महिला संतोष ने न केवल मेघाराम को बल्कि जोधपुर पुलिस के दो अधिकारियों, एक फौजी और जयपुर निवासी एक अन्य व्यक्ति को भी अपने जाल में फंसाया था। संतोष पूर्व में संविदा पर पुलिस कंट्रोल रूम में काम कर चुकी है, जहां उसने इन अधिकारियों से संपर्क साधा था।
फर्जी केसों से करती थी ब्लैकमेल
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि संतोष ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के अलग-अलग थानों में रेप और छेड़छाड़ के तीन मामले दर्ज कराए थे। लेकिन जब इन मामलों की गंभीरता से जांच की गई, तो आरोप फर्जी पाए गए और सभी मामलों में एफआर (फ़ाइनल रिपोर्ट) लगाई गई। यही नहीं, बनाड़ थाना पुलिस पहले ही ब्लैकमेलिंग के एक अन्य मामले में उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है।
तलाकशुदा है महिला, दो बच्चों की मां
थाना अधिकारी दाऊद खान ने बताया कि आरोपी महिला ने अपने पति मालाराम को तलाक दे दिया था और उसके दो बच्चे हैं। उसने खुद को अकेली और पीड़ित बताकर पुरुषों को अपने जाल में फंसाया और फिर आपत्तिजनक तस्वीरें व वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू किया।
अन्य सहयोगियों की भूमिका की भी जांच
पुलिस अब इस मामले में महिला के साथ शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। आशंका है कि यह ब्लैकमेलिंग कोई एकल कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा था। आरोपी महिला से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
समाज में फैली सनसनी
स्कूल संचालक की आत्महत्या और उसके पीछे महिला द्वारा ब्लैकमेलिंग का यह मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। लोग हैरान हैं कि एक महिला ने इतने बड़े स्तर पर अधिकारियों और सामान्य नागरिकों को फंसाकर न केवल उनकी जिंदगी बर्बाद की, बल्कि एक व्यक्ति को मौत तक पहुंचा दिया।
यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज में भरोसे और रिश्तों के ताने-बाने को भी झकझोर देता है। पुलिस की तफ्तीश से अब यह तय होगा कि इस हनी ट्रैप के पीछे कितने और चेहरे छुपे हैं और कितने और पीड़ित सामने आते हैं।