जोधपुर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) के मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अभी संसद के विचाराधीन है और इस पर गंभीर बहस होनी चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने आशंका जताई कि इस नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय पार्टियों को कमजोर करना हो सकता है।
“संसद में बहस होने दीजिए, फिर परिणाम देखेंगे”
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव पर संसद में चर्चा के बाद ही कोई नतीजा निकलेगा। इसके अलावा इसे लागू करने के लिए कुछ राज्यों की विधानसभाओं में भी इसे पास करना होगा। फिलहाल, मुझे नहीं लगता कि इससे किसी को कोई फायदा होगा। हालांकि, यह डर है कि इससे क्षेत्रीय दलों की ताकत घटाने की कोशिश की जा सकती है। फिर भी मैं यही कहूंगा कि पहले संसद में बहस होने दीजिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने में कुछ मुद्दे सांझा हो सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर की विशेष परिस्थितियां इसे जटिल बना देती हैं।

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जीएसटी काउंसिल बैठक में लिया हिस्सा
उमर अब्दुल्ला, जैसलमेर में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होने के बाद जोधपुर पहुंचे। बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णयों का जिक्र किया और प्री-बजट चर्चाओं पर जोर दिया। “हमने अपने मुद्दे वित्त मंत्री के सामने रखे हैं और उम्मीद है कि इन पर अमल किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
सादगी और आत्मनिर्भरता का उदाहरण
उमर अब्दुल्ला का जोधपुर दौरा कई कारणों से चर्चा में रहा। उनके व्यवहार ने सादगी और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। जोधपुर एयरपोर्ट पर उन्होंने अपना सूटकेस खुद उठाया और सुरक्षाकर्मियों का मदद का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके अलावा, वे अपनी निजी गाड़ी डिफेंडर लेकर राजस्थान आए और उसे खुद ही चलाते हुए सर्किट हाउस पहुंचे।
तीन घंटे की ड्राइव खुद की
जैसलमेर से जोधपुर तक तीन घंटे की लंबी यात्रा भी उन्होंने स्वयं ड्राइव करते हुए की। यह नजारा देखने वाले राजस्थान पुलिस के सुरक्षाकर्मी भी हैरान रह गए। “पहले कभी किसी मुख्यमंत्री को खुद ड्राइव करते हुए नहीं देखा गया,” एक सुरक्षाकर्मी ने कहा।
खास गाड़ी की चर्चा
उमर अब्दुल्ला अपनी बुलेटप्रूफ डिफेंडर गाड़ी लेकर राजस्थान पहुंचे थे। यह एक 4×4 टॉप वर्जन की गाड़ी है, जिसकी कीमत तीन करोड़ रुपये से अधिक है। यह गाड़ी हर तरह की परिस्थितियों में अनुकूल है।
“गाड़ी चलाना मेरे लिए सामान्य है”
जब उनसे गाड़ी खुद चलाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “इसमें कुछ अलग नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी अपनी गाड़ी खुद ड्राइव करते थे। मुझे बचपन से गाड़ी चलाने का शौक है।”
पर्यटन स्थलों का किया भ्रमण
जैसलमेर में बैठक के दौरान उमर अब्दुल्ला ने पर्यटन स्थलों का भी दौरा किया और इस दौरान भी उन्होंने अपनी गाड़ी खुद चलाने को प्राथमिकता दी।