✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान में लॉटरी, फ्रॉड, और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के सोशल मीडिया सह प्रभारी शैलेश घांची ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर अपनी गहरी चिंता जाहिर की है। इस पत्र में उन्होंने इन धोखाधड़ी गतिविधियों को न केवल आम जनता के लिए घातक बताया, बल्कि राज्य सरकार को राजस्व के नुकसान का कारण भी कहा है।
लॉटरी और फर्जी लक्की ड्रा का जाल
शैलेश घांची ने पत्र में उल्लेख किया कि प्रदेश के कई जिलों में लक्की ड्रा और लॉटरी के नाम पर जनता को ठगा जा रहा है। आम लोगों से ₹300-₹400 की रसीद काटकर नकद राशि, महंगी गाड़ियों, और अन्य कीमती सामान जीतने का झांसा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ये आयोजन मेहनतकश जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने का माध्यम बन गए हैं।”
साइबर धोखाधड़ी और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड
घांची ने साइबर अपराधों में हो रही बढ़ोतरी का भी जिक्र किया, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी और इन्वेस्टमेंट योजनाओं के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई लोग इन फर्जी योजनाओं में लाखों रुपये गवां चुके हैं।
सरकार को राजस्व का नुकसान
पत्र में यह भी कहा गया कि लॉटरी और सट्टेबाजी के आयोजक राज्य में लाखों रुपये का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन टैक्स के नाम पर सरकार को एक भी पैसा नहीं देते। इससे राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग
शैलेश घांची ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इन धोखाधड़ी गतिविधियों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को एक मजबूत निगरानी तंत्र बनाना चाहिए, जो ऐसे आयोजनों पर कड़ी नजर रख सके। साथ ही, दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
घांची का बयान
घांची ने कहा, “अगर इन फर्जीवाड़ों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था और जनता की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा। राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करना अब समय की जरूरत है।”
निगरानी तंत्र और कठोर दंड की आवश्यकता
उन्होंने सुझाव दिया कि फर्जीवाड़ों पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष “फ्रॉड नियंत्रण टास्क फोर्स” बनाई जाए। इसके अलावा, इन मामलों में दोषी पाए गए लोगों को कठोर दंड दिए जाने की भी मांग की गई।
लॉटरी और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार वृद्धि न केवल आम जनता के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि राज्य सरकार की साख पर भी सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुख्यमंत्री इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।