✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
पाली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संगठन में एक बड़ा बदलाव करते हुए सुनील भंडारी को पाली जिले का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। शनिवार को पार्टी कार्यालय में हुई तीन घंटे की लंबी बैठक के बाद भंडारी के नाम पर सहमति बनी। जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई, समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने फूलमालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ भंडारी का भव्य स्वागत किया।
तीन घंटे की अहम बैठक में हुआ फैसला
बीजेपी की यह बैठक पार्टी के जिला कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिलाध्यक्ष के पद के लिए कई नामों पर चर्चा हुई, लेकिन अंततः सभी की सहमति से सुनील भंडारी का चयन किया गया। बैठक में प्रदेश स्तर के नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने इस निर्णय को लेकर अपनी राय दी।
समर्थकों का उत्साह चरम पर
सुनील भंडारी के नाम की घोषणा होते ही उनके समर्थकों में उत्साह देखने लायक था। कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे और उनका जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने फूलमालाओं से भंडारी को लाद दिया और आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। ढोल-नगाड़ों की धुन पर कार्यकर्ता नाचते-गाते नजर आए।
भंडारी का पहला बयान
जिलाध्यक्ष बनने के बाद सुनील भंडारी ने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। संगठन को मजबूत करना और कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य बनाकर काम करना मेरी प्राथमिकता होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि पाली जिले को बीजेपी का गढ़ बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
नए जिलाध्यक्ष की चुनौतियां
सुनील भंडारी के सामने जिले में पार्टी संगठन को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। इसके अलावा, कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बैठाना और जनता के बीच बीजेपी की नीतियों को प्रभावी ढंग से पहुंचाना भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
भाजपा के लिए क्या है यह बदलाव खास?
पाली जिले में बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव को आगामी चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी नेतृत्व को भरोसा है कि सुनील भंडारी जैसे ऊर्जावान नेता के नेतृत्व में पार्टी को जिले में नई मजबूती मिलेगी।
पाली जिले में इस बड़े राजनीतिक बदलाव ने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नई उम्मीदें जगाई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भंडारी अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं और संगठन को कितना आगे ले जाते हैं।