नवकृति संस्था की कवि गोष्ठी में बही राष्ट्र प्रेम की रसधार
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
उदयपुर/27 जनवरी,2025 नगर की साहित्यिक संस्था नवकृति की ओर से गणतंत्र दिवस पर आयोजित नवसृजन कवि गोष्ठी में रचनाकारों ने देश प्रेम की रचनाएं सुना राष्ट्र शहीदों को समर्पित भावनाएं व्यक्त की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि श्रेणी दान चारण कहते हैं – है ऋणी आपका मन से पूरा वतन। कर रहा श्रद्धा से आज उनको नमन। गोष्ठी अध्यक्ष जगदीश तिवारी की रचना– “गूंजा दो रे गीत मधुरतम राष्ट्र प्रेम के गान से। मिल जुल कर हम काम करें भारत नव निर्माण के” खूब सराही गयी। इसी तरह रियाज़ एहमद कहते हैं — सदा एहले वतन में प्यार भी जरूरी है। वतन से प्यार का इजहार भी जरूरी है। इस कवि गोष्ठी का प्रारंभ कवि रामदयाल मेहरा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। कवि बिलाल पठान, इकबाल हुसैन इकबाल,पं मनमोहन मधुकर, मंगल कुमार जैन आदि ने काव्य पाठ किया। संचालन अरुण त्रिपाठी ने किया।अंत में आर्य समाज हिरण मगरी के प्रधान भंवर लाल आर्य ने आभार व्यक्त किया।
