✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत 23 लाख से अधिक परिवारों को ₹450 में गैस सिलेंडर देने की योजना तो लागू कर दी गई, लेकिन सरकार की ओर से सब्सिडी की राशि अब तक खातों में नहीं पहुंची है। ये परिवार अक्टूबर-नवंबर में ही करीब ₹84 करोड़ की राशि गैस कंपनियों को जमा करवा चुके हैं, लेकिन ₹356.50 प्रति सिलेंडर की राज्य सरकार की सब्सिडी अटक गई है।
सब्सिडी देने का वादा, पर अब तक नहीं मिला पैसा
राजस्थान सरकार ने अपने बजट में घोषणा की थी कि उज्ज्वला योजना की तर्ज पर खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े परिवारों को भी ₹450 में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। योजना 1 सितंबर से लागू हुई और शुरुआत में दिसंबर में पहली बार कुछ लाभार्थियों को सब्सिडी ट्रांसफर की गई, लेकिन अक्टूबर और नवंबर में सिलेंडर खरीदने वाले 23 लाख परिवारों को यह राशि नहीं मिली।
राज्य सरकार की सब्सिडी का गणित
गैस सिलेंडर की कुल कीमत करीब ₹806.50 है। इसमें—
- ₹300 की सब्सिडी केंद्र सरकार देती है (उज्ज्वला योजना के तहत)।
- ₹356.50 राज्य सरकार को वहन करनी थी, ताकि लोगों को ₹450 में सिलेंडर मिल सके।
- लेकिन राज्य सरकार की सब्सिडी अटकी पड़ी है, जिससे परिवारों को पूरा ₹806 चुकाना पड़ रहा है।
तकनीकी खामियों का हवाला दे रही सरकार
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने सफाई देते हुए कहा कि आईएफएससी कोड की तकनीकी गड़बड़ी के चलते कुछ भुगतान रुक गए थे। उन्होंने बताया कि अक्टूबर और नवंबर के लंबित बिल वित्त विभाग को भेजे जा चुके हैं, और जल्द ही पैसा खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
जनता को कब मिलेगा सब्सिडी का पैसा?
राज्य में उज्ज्वला योजना और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत करोड़ों परिवार सस्ती रसोई गैस की उम्मीद में थे, लेकिन सरकारी सुस्ती के कारण वे महंगे दामों पर सिलेंडर खरीदने को मजबूर हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि लोगों को राहत कब मिलेगी और राज्य सरकार 356.50 रुपए प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देने में और कितना समय लगाएगी?