
लक्ष्मण दान कविया को महाराणा प्रताप राजस्थानी सृजन सम्मान
राजस्थान भर के साहित्यकारों ने की सम्मान समारोह में शिरकत
पवन पहाड़िया ‘डेह’
राजस्थानी भाषा एवं साहित्य के वरिष्ठ कलमकार तथा भाषा मान्यता आंदोलन के अग्रणी हस्ताक्षर श्री लक्ष्मण दान कविया को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर महाराणा प्रताप राजस्थानी सृजन सम्मान से नवाजा गया। मरुभूमि शोध संस्थान, श्रीडूंगरगढ़ की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में राजस्थान भर के साहित्यकारों की उपस्थिति में श्री कविया को 21000/- नगद राशि, शॉल, श्रीफल एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया।
आयोजक संस्थान की ओर से बताया गया कि श्री कविया ने राजस्थानी भाषा को दो दर्जन उपयोगी एवं उत्तम साहित्यिक कृतियों की सौगात देने के साथ ही भाषा मान्यता आंदोलन को धार देने का अहम कार्य किया है। श्री कविया राजस्थान के पहले ऐसे साहित्यकार हैं, जिन्होंने सात सतसई ग्रन्थों का सृजन किया है, ऐसे सृजक को सृजन सम्मान देना प्रायोजक संस्थान का सौभाग्य है।
इस अवसर पर राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के पूर्व अध्यक्ष वेदव्यास, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि, अकादमी के पूर्व सचिव पृथ्वीराज रतनू, प्रो. भँवर भदानी, प्रो.गजादान चारण मंचासीन रहे, वहीं पवन पहाड़िया, रवि पुरोहित, डॉ. चेतन स्वामी, युवा कवि छैलू चारण छैल, डॉ. मदन सैनी, श्रीभगवान सैनी, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, मोनिका गौड़, किरण राजपुरोहित नीतिला, विमला नागला, प्रशांत बिस्सा आदि साहित्यकार उपस्थित थे।
श्री कविया को मिले इस सम्मान से नागौर के साहित्यकार समाज में खुशी की लहर है। इस अवसर पर पूर्व एएसपी सुखदेव सिंह गाडण, युवा कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा, प्रो. सुरेंद्र कागट, श्रीराम वैष्णव, सांवलदान कविया, विशन सिंह कविया, गोविंद सिंह, फत्तूराम छाबा, गोपालचंद तंवर , सत्यनारायण नेरिया , जगदीसदान कविया -आदि ने श्री कविया को बधाइयाँ संप्रेषित कर अपनी खुशी जाहिर की।