अकरम खान कि रिपोर्ट।
राजस्थान सरकार के हाल ही में प्रस्तुत आम बजट पर विभिन्न क्षेत्रों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों को यह बजट पसंद आया, तो कुछ को इसमें कई कमियां नजर आईं। विशेष रूप से आयुष विभाग को लेकर इस बार के बजट में कोई उल्लेखनीय घोषणा नहीं की गई, जिससे आयुष जगत से जुड़े चिकित्सकों में निराशा देखी जा रही है।
इसी विषय पर जब हमने यूनानी फिजीशियन और हिजामा थैरेपिस्ट डॉ. मो. मोईनुद्दीन चौहान से बातचीत की, तो उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की। डॉ. चौहान ने कहा कि “वर्तमान सरकार ने बजट में बुजुर्गों के लिए मुफ्त हवाई यात्रा, नारी सशक्तिकरण, किसानों, आमजन, युवाओं और विद्यार्थियों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। मगर, यूनानी और आयुष चिकित्सकों की नई भर्ती या नई डिस्पेंसरी खोलने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों में निराशा है।”
उन्होंने आगे कहा कि “राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बेरवा के पास ही आयुष मंत्रालय है, इसके बावजूद भी आयुष विभाग को लेकर किसी विशेष योजना का ऐलान नहीं किया गया। यह आयुष चिकित्सकों के लिए खेदजनक है।”
आयुष चिकित्सा पद्धति को भारत में प्राचीन और प्रभावी चिकित्सा प्रणाली माना जाता है, लेकिन सरकारी स्तर पर इसे अपेक्षित प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है। यूनानी, आयुर्वेद, होम्योपैथी और योग पद्धति को और अधिक बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की मांग है कि सरकार इस ओर ध्यान दे।