
जमाअते इस्लामी हिन्द ने किया इस्तकबाल -ए- रमज़ान कार्यक्रम का आयोजन
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
ब्यावर, 28फ़रवरी 2025
जमाअते इस्लामी हिन्द, ज़िला -ब्यावर, अजमेर व राजसमन्द की जानिब से करबला मार्ग ब्यावर पर इस्तकबाल -ए- रमज़ान कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसका संचालन मेहबूब खान ने किया। इस मौके पर तीनों ज़िलों के उलमा- ए- दीन व अम्मा -ए- मसाजिद ने शिरकत की । कार्यक्रम की शुरुआत हाफ़िज़ मुहम्मद इम्तियाज ने तिलावते कुरआन से की।अध्यक्षता मुमताज़ अली सहसचिव जमाअते इस्लामी हिन्द, ज़िला -ब्यावर अजमेर व राजसमन्द की। बतौर अतिथिगण – हाफ़िज़ अब्दुल हकीम , मौलाना रईसुद्दीन, मौलाना सुब्हान, हाफ़िज़ हिसामुद्दीन, मौलाना फरद्दीन काठात, मौलाना शमसुद्दीन काठात, मौलाना जावेद, मौलाना खालिद व डाक्टर जावेद हुसैन थे। इस मौके पर सभी अतिथियों ने माह रमज़ानुल मुबारक के बारे में अपनी अपनी बातें रखते हुए कहा कि यह बहुत बाबरकत माह है इसमें नेकियों का अज्र कई गुना बड़ा दिया जाता। और कहा कि रोज़ा केवल भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है। सही मायने में रोज़े का मकसद जब ही पूरा होगा कि हम सभी बुरे कामों से बजे और ज्यादा से ज्यादा नेकी के काम करे। और इस माह में ज्यादा से ज्यादा गरीबों, यतीमों, विधवाओं व बेसहारा लोगों कि मदद करें और और रमज़ान का यह महिना हमें बाकी 11महिनों के लिए तैयार करता है। यानी तरबियत (ट्रेंनिग) का महिना है । मुमताज़ अली ने कहा कि उलमा- ए- दीन व अम्मा -ए- मसाजिद मुस्लिम उम्मत , के इमाम व लीडर होते हैं। इसलिए आप हम सभी की जिम्मेदारियां ज्यादा बड़ी है ।तो इस माह से हम भी ज्यादा से ज्यादा फायदा उठायेंगे। लेकिन हम अपने -अपने मकाम पर इस पैगाम को पहुंचाने की भी भरपूर कोशिश करें। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग फायदा उठा सकें। और बुराईयों से बच जाएं। अगर लोग बुराईयों से फजूल रस्मों रिवाज से बचेंगे। तो अम्न चैन कायम होगा और अम्न चैन कायम होगा तो सभी प्यार मोहब्बत रहेंगे। इस मौके पर बड़ी तादाद उलमा- ए- दीन व अम्मा -ए- मसाजिद ने शिरकत की।

बड़ी तादाद में उपस्थित उलमा- ए- दीन व अम्मा -ए- मसाजिद