✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
अयोध्या: देश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक राम मंदिर को निशाना बनाने की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान ने पूछताछ में चौंकाने वाले राज उगले हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस साजिश के पीछे थी और रहमान को इस काम के लिए तैयार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने की योजना थी।
ISI के टच में था आतंकी अब्दुल रहमान
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रहमान लंबे समय से आईएसआई के संपर्क में था। वह पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ था और राम मंदिर पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा था। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को शक है कि उसके नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
मटन शॉप और ऑटो चालक की आड़ में रच रहा था साजिश
जांच में सामने आया है कि अब्दुल रहमान अयोध्या के फैजाबाद इलाके में एक मटन शॉप चलाता था और पेशे से ऑटो चालक भी था। इन दोनों कामों की आड़ में वह संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहा था और आतंकियों के संपर्क में था।
राम मंदिर को निशाना बनाने की थी पूरी प्लानिंग
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर राम मंदिर पर ग्रेनेड अटैक की साजिश रची गई थी। इसके लिए अब्दुल रहमान को विशेष ट्रेनिंग दी गई थी और वह लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में था।
गिरफ्तारी के बाद अब कई बड़े खुलासों की उम्मीद
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। उससे पूछताछ जारी है, जिससे यह पता लगाया जा रहा है कि इस साजिश में और कौन-कौन शामिल था? क्या भारत में उसके और भी साथी हैं?
राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई गई
इस खुलासे के बाद अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राम मंदिर और उसके आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियां पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी संभावित खतरे को टालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया जा रहा है।
क्या था आतंकियों का मकसद?
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन भारत में अस्थिरता फैलाने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के मकसद से राम मंदिर को निशाना बनाना चाहते थे। यह हमला न केवल धार्मिक रूप से संवेदनशील होता बल्कि देश की अखंडता को भी चुनौती देने वाला साबित हो सकता था।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस खुलासे के बाद पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गई हैं। खुफिया विभाग के अधिकारी इस साजिश के हर पहलू की जांच कर रहे हैं, ताकि किसी भी तरह के आतंकी मंसूबे को नाकाम किया जा सके।
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान की ISI लगातार भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। हालांकि, सुरक्षा बलों की सतर्कता ने राम मंदिर पर होने वाले एक बड़े हमले को टाल दिया। अब देखना होगा कि जांच आगे क्या बड़े खुलासे करती है और आतंकियों के इस नेटवर्क का पर्दाफाश कैसे किया जाता है।