अधिवक्ता पत्रकार गजेंद्र गेहलोत कि रिपोर्ट।
चेक अनादरण प्रकरण में अपीलीय न्यायालय ने अपीलाण्ट मुलजिम की अपील की अस्वीकार, विचारण न्यायालय के निर्णय को रखा यथावत
विचारण न्यायालय ने अभियुक्त को दो साल कारावास व चेक की दुगुनी राशि के अर्थदंड से किया था दंडित
प्रकरण में परिवादी रेस्पोडेन्ट की ओर से पैरवी अधिवक्ता अशोक गहलोत ने की
सोजत सिटी. चेक अनादरण के एक प्रकरण में अपीलीय न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढवाल ने विचारण न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट सोजत के निर्णय व दण्डादेश की पुष्टि करते हुए निर्णय यथावत रखते हुए अपीलाण्ट मुलजिम फर्म के हरिकिशन पुत्र रूपाराम जाति जीनगर निवासी सोजत सिटी की अपील खारिज की है। प्रकरण में परिवादी रेस्पोडेन्ट की ओर से पैरवी अधिवक्ता अशोक गहलोत ने की।
परिवादी अधिवक्ता गहलोत ने बताया कि प्रकरण में परिवादी की फर्म एम.एम. ट्रेडिग कम्पनी व मुल्जिम की फर्म एच.के. चौहान एण्ड कम्पनी कस्बा सोजत में मेहन्दी का व्यवसाय करती है। इसलिए परिवादी महावीर गहलोत एवं मुल्जिम हरिकिशन के बीच अच्छी जान पहचान है। मुल्जिम ने परिवादी की फर्म से मेहन्दी पाऊडर १,३९,२३०/- रूपये में खरीद किया जो राशि मुल्जिम व मुल्जिम की फर्म में बकाया रही। उक्त बकाया राशि परिवादी द्वारा मुल्जिम से मांग करने पर मुल्जिम ने उक्त राशि की अदायगी व उत्तरदायी पेटे परिवादी को एक चैक जारी किया था तथा मुल्जिम ने परिवादी को विश्वास दिलाया कि आपकी खाता बैंक में पेश करने पर उक्त चेक में वर्णित राशि का भुगतान हो जायेगा। परिवादी ने उक्त चैक को अपनी खाता बैंक में पेश किया जो बाद जांच मुल्जिम के खाते में अपर्याप्त धनराशि होने से उक्त मूल चैक बिना भुगतान हुए लौटा दिया गया। परिवादी ने मुल्जिम को उक्त चैक अनादरित होने की सूचना एवं चैक में वर्णित राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता के जरिये रजिस्टर्ड नोटिस मुल्जिम के सही पते पर भेजा जो मुल्जिम को रजिस्टर्ड नोटिस प्राप्त होने के बावजूद भी चैक में वर्णित राशि का निर्धारित अवधि में परिवादी को राशि अदा नही की। परिवादी ने मुल्जिम के विरूद्ध १३८ एनआई एक्ट में परिवाद प्रस्तुत किया। न्यायालय ने इस्तगासा के आधार पर प्रसंज्ञान लेते हुए अभियुक्त को आरोप सारांश मौखिक रूप से सुनाया समझाया। अभियुक्त ने आरोप सारांश अस्वीकार कर अन्वीक्षा चाही। बाद में परिवादी की ओर से गवाह पेश कर दस्तावेजी साक्ष्य पेश की गई। न्यायालय में मुल्जिम के बयान मुलजिम लेखबद्ध किए गए। न्यायालय ने बहस सुनी गई तथा बाद सुनवाई उभय पक्षों के तर्को पर मनन किया गया। न्यायालय द्वारा विभिन्न न्यायिक दृष्टान्तों का हवाला देते हुए प्रकरण में मुल्जिम फर्म एच.के.एण्ड कम्पनी के प्रोपराईटर हरिकिशन पुत्र रूपाराम जाति जीनगर निवासी सोजत सिटी को दोषसिद्ध पाया जाकर दो वर्ष का साधारण कारावास एवं विवादित चैक की दुगुनी राशि २,६५,२००/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। उक्त दुगुनी राशि की ७५ प्रतिशत राशि १,९८,९००/- बतौर क्षतिपूर्ति प्रतिकर के रूप में परिवादी की दी जाएगी। अदम अदायगी अर्थदण्ड अभियुक्त को तीन माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतेगा। इसके बाद मुल्जिम द्वारा अपीलीय न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायालय में विचारण न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध अपील की। जिसमें अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढवाल ने विचारण पूर्ण होने पर सोमवार को विचारण न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट सोजत के निर्णय व दण्डादेश की पुष्टि करते हुए निर्णय यथावत रखते हुए अपीलाण्ट मुलजिम फर्म के हरिकिशन पुत्र रूपाराम जाति जीनगर निवासी सोजत सिटी की अपील खारिज की है।