✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक अभिनव पहल करते हुए ‘बर्तन बैंक’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में बर्तन बैंक खोला जाएगा, जहां शादी-ब्याह, पारिवारिक आयोजन या सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए थाली, कटोरी, गिलास और चम्मच जैसे बर्तन किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण जनता के लिए आर्थिक रूप से भी राहतकारी साबित होगी।
किराया मात्र 3 रुपए प्रति सेट, गरीबों को मिलेगी छूट
राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, एक बर्तन सेट में एक थाली, तीन कटोरी, एक गिलास और एक चम्मच शामिल रहेगा। इसका किराया केवल 3 रुपए प्रति सेट निर्धारित किया गया है। वहीं बीपीएल, अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांगों एवं विशेष परिस्थितियों में किराए पर 50 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।
डीग और भरतपुर से शुरू होगा पहला चरण
पहले चरण में राजस्थान के 1000 गांवों, भरतपुर जिले की 21 पंचायतों और नवगठित डीग जिले की 15 पंचायतों में यह बर्तन बैंक शुरू किए जाएंगे। प्रत्येक पंचायत को इस उद्देश्य के लिए 1 लाख रुपए की राशि दी जाएगी, जिससे कम से कम 400 बर्तन सेट खरीदे जाएंगे।
प्लास्टिक मुक्त पंचायतों की ओर बड़ा कदम
इस योजना का उद्देश्य है कि गांवों में होने वाले आयोजनों में प्लास्टिक की पत्तलों और गिलासों की जगह स्टील के बर्तनों का उपयोग हो, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और गांव स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त बनें।
हर बर्तन पर होगा पंचायत का नाम और स्वच्छ भारत मिशन का लोगो
गाइडलाइन के अनुसार, सभी बर्तनों पर संबंधित पंचायत का नाम और ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का लोगो छपवाना अनिवार्य होगा। बर्तन कम से कम 5 साल तक उपयोग में लाए जाएंगे। यदि किसी बर्तन की स्थिति ठीक नहीं रहती है, तो पंचायत उसे बदलने की व्यवस्था करेगी।
महिला स्वयं सहायता समूह करेगा संचालन
बर्तन बैंक का संचालन राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। यह समूह ही बर्तनों का रखरखाव, रिकॉर्ड प्रबंधन, किराया वसूली और बर्तन वितरण का कार्य संभालेगा। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की समिति महिला समूहों का चयन करेगी।
खराब बर्तनों की होगी भरपाई
यदि कोई बर्तन टूटता है या खो जाता है, तो उपयोगकर्ता से उसकी भरपाई किराए सहित की जाएगी। वहीं बैंक से एकत्रित किराया राशि उसी बैंक के रखरखाव, सफाई और नए बर्तनों की खरीद में खर्च की जाएगी।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिला परिषद डीग के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनसिंह ने कहा कि “बर्तन बैंक की योजना को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जल्द ही डीग जिले की 15 पंचायतों में इसकी स्थापना की जाएगी। योजना का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से होगा।”
राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल पर्यावरण सुरक्षा में एक मजबूत कदम है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी इसे एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले समय में यह योजना ग्रामीण भारत के लिए एक मॉडल बन सकती है।