वरिष्ठ पत्रकार चेतनजी व्यास के साथ अकरम खान कि रिपोर्ट।
सुगालिया निवासी एवं श्रीमाली ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मीनारायण दवे के आकस्मिक निधन से समाज में शोक की गहरी लहर दौड़ गई है। शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में सदैव सक्रिय भूमिका निभाने वाले दवे समाज के मार्गदर्शक के रूप में पहचाने जाते थे।
बुढायत माता मंदिर व्यवस्था समिति के पूर्व अध्यक्ष हितेंद्र व्यास ने कहा कि दवे सदैव समाज के हित में सकारात्मक भाव रखते थे और शिक्षा के प्रति उनकी सजगता अनुकरणीय थी। अभिनव कला मंच के सचिव चेतन व्यास ने उन्हें सामाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका निभाने वाला और हर वर्ग से आत्मीयता रखने वाला बताया।
डॉ. सत्य नारायण दवे ने उन्हें समावेशी सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्तित्व बताया, जो हर समस्या का समाधान मिलकर करने में विश्वास रखते थे। सेवा निवृत्त शिक्षाविद ललित व्यास ने कहा कि दवे का जीवन शिक्षा, पर्यावरण, समाज सेवा और परोपकार के प्रति समर्पित रहा।
विदूषी श्रीमती मधु व्यास ने भावुक होकर कहा कि उनका सानिध्य एक विशेष ऊर्जा का संचार करता था और उनकी उपस्थिति मात्र से ही संबल मिलता था।
स्व. दवे को मनोज, नरेन्द्र, संजय, सुनील, अक्षय, चेतन, डॉ. लोकेन्द्र, प्रेम प्रकाश, भावेश, सजनी बाई, लता, संगीता, पूर्णिमा, रेणु, भूमिका, जितेन्द्र, दुर्गेश, कपिल, विभा, गौरव, डॉ. प्रियंक, अखिल भारतीय गुरु फूलनारायण आश्रम न्यास अध्यक्ष सुरेंद्र त्रिवेदी, बुढायत माता मंदिर व्यवस्था समिति अध्यक्ष जितेंद्र व्यास, परशुराम युवा संघ संरक्षक आचार्य पं. हिंद प्रकाश ओझा, ललित ओझा, मनोज कुमार, धीरेन्द्र व्यास, धर्मेंद्र व्यास, सुदीप व्यास, महालक्ष्मी ट्रस्ट अध्यक्ष रमेश व्यास, सुरेंद्र व्यास आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
दवे भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार, सेवा और योगदान समाज को सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे।