नई दिल्ली: शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज़) परिषद की 55वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जीएसटी की दरों में बदलाव को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर में कमी की गई, जबकि कुछ पर दर बढ़ाई गई है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस बैठक में किस चीज पर जीएसटी घटाया गया और किस चीज पर बढ़ाया गया है, ताकि आप अपने खर्चों की सही योजना बना सकें।

जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक: कई चीजों पर घटा और बढ़ा जीएसटी, जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा
1. जीएसटी घटाए गए उत्पाद
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को घटाने का फैसला किया है। इनमें प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:
- फोर्टिफाइड चावल: जीएसटी काउंसिल ने फोर्टिफाइड चावल पर जीएसटी दर को घटाकर 5% कर दिया है। यह निर्णय खासतौर पर पोषण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चावल गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सस्ती और उपलब्ध हो सकती है।
- ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स: जिनमें 50% या उससे अधिक फ्लाई ऐश होता है, उन पर अब 12% जीएसटी लगेगा। ये ब्लॉक्स निर्माण कार्य में उपयोग होते हैं और इस पर जीएसटी में कमी से निर्माण लागत में थोड़ी राहत मिलेगी।
- काली मिर्च और किशमिश: अगर काली मिर्च और किशमिश की आपूर्ति किसान से होती है, तो इन पर अब कोई जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। इससे किसानों को अपनी कृषि उत्पादों को बेचना और भी आसान हो जाएगा।
- मर्चेंट एक्सपोर्टर्स द्वारा आपूर्ति पर मुआवजा उपकर: इस पर जीएसटी की दर को घटाकर 0.1% कर दिया गया है। इससे व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें अब कम टैक्स देना होगा।
- सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के कलपुर्जे: इन पर आईजीएसटी से छूट दे दी गई है। यह फैसला रक्षा क्षेत्र के लिए अहम है, क्योंकि इससे रक्षा उपकरणों की लागत में कमी आएगी।
- कौशल प्रशिक्षण साझीदार: अब इनको जीएसटी से छूट प्रदान की गई है। इससे कौशल विकास क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और प्रशिक्षण प्रदाताओं को राहत मिलेगी।
- भुगतान एग्रीगेटर्स: जिन लेनदेन की राशि 2,000 रुपये से कम होगी, उन पर अब जीएसटी नहीं लगेगा। इससे छोटे ट्रांजैक्शन में राहत मिलेगी और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
- बैंकों/एनबीएफसी द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्क: अब इन पर जीएसटी नहीं लगेगा, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क के बोझ से राहत मिलेगी।
- गिफ्ट वाउचर: अब गिफ्ट वाउचर के लेनदेन पर भी जीएसटी नहीं लगेगा, जिससे खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों दोनों को लाभ होगा।
2. जीएसटी बढ़ाए गए उत्पाद
बैठक में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर बढ़ाई भी गई है। इन बदलावों में शामिल हैं:
- पुरानी कारें और इलेक्ट्रिक वाहन (EV): पुरानी कारों पर जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इसके अलावा, इस्तेमाल की गई कार की मार्जिन वैल्यू पर 18% जीएसटी लगेगा, जिससे पुरानी कारों की कीमतों में इजाफा हो सकता है।
- पुरानी इलेक्ट्रिक वाहनों (EV): अब अगर कोई कंपनी पुरानी EV बेचती है, तो उस पर 18% जीएसटी लगेगा। हालांकि, व्यक्तिगत बिक्री पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
- होटल के रेस्टोरेंट में खाना: 7,500 रुपये प्रति रात वाले होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाने पर अब 5% की बजाय 18% जीएसटी लगेगा। इससे होटल व्यवसायों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, जो होटल ग्राहकों के लिए महंगा हो सकता है।
3. अन्य अहम निर्णय
जीएसटी काउंसिल ने कुछ अन्य अहम फैसले भी लिए हैं जो विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे:
- बिक्री के बाद वापसी (Return of Goods): जीएसटी काउंसिल ने यह सुनिश्चित किया कि वापसी की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
- पारदर्शिता में सुधार: जीएसटी काउंसिल ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में जीएसटी के तहत पारदर्शिता को बढ़ाया जाएगा और ज्यादा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए रिटर्न फाइलिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- ई-कॉमर्स पर जीएसटी: ई-कॉमर्स व्यापारों पर लागू होने वाली जीएसटी दरों में सुधार की योजना बनाई गई है। इसके तहत ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त टैक्स की अधिक जानकारी दी जाएगी।
4. आगे की दिशा
इस बैठक में लिए गए निर्णय जीएसटी प्रणाली को और अधिक उपभोक्ता और व्यापार मित्रवत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। जीएसटी काउंसिल का यह कदम अर्थव्यवस्था को और सशक्त बनाने, व्यापारों को आसान बनाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लिया गया है। सरकार की कोशिश है कि जीएसटी को सरल बनाया जाए और टैक्स दरों में उतार-चढ़ाव को सही तरीके से नियंत्रित किया जाए।