
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत sojat। राजस्थान सरकार ने आमजन की वर्षों पुरानी मांग और लंबे समय से चल रहे भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रदेश में खेतों, घरों और ढाणियों तक पहुंचने वाले बंद रास्तों को खोलने के लिए सरकार ने 1 मई से ‘रास्ता खोलो अभियान’ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य है – आमजन, खासकर ग्रामीणों और किसानों को सुगम आवागमन की सुविधा देना और भूमि पर हुए अवैध कब्जों को हटाकर रास्तों को फिर से आम उपयोग में लाना।
झुंझुनूं में पहले ही दिन खुले दर्जनों रास्ते
राज्य भर में एक साथ चल रहे इस अभियान का असर पहले ही दिन झुंझुनूं जिले में देखने को मिला, जहां प्रशासन ने करीब एक दर्जन से अधिक बंद रास्तों को मौके पर खुलवाया। इन रास्तों पर वर्षों से निजी कब्जे या विवाद चल रहे थे, जिससे किसानों और ग्रामीणों को अपने खेतों व घरों तक पहुंचने में भारी दिक्कतें हो रही थीं।
सैंकड़ों पुराने विवाद होंगे समाप्त
अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान के अंतर्गत राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251 के तहत पूर्व में निर्णीत मगर क्रियान्वयन से वंचित रहे रास्तों को अमल में लाया जाएगा। साथ ही जिन रास्तों का रिकॉर्ड में उल्लेख नहीं है, उनका सर्वेक्षण कर रिकॉर्ड में दर्ज करने की कार्यवाही भी की जाएगी। इससे भविष्य में भूमि विवादों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।
कलेक्टर का बयान: जनता को मिलेगा राहत का रास्ता
झुंझुनूं जिला कलेक्टर ने जानकारी दी कि अभियान से सैंकड़ों वर्षों पुराने रास्तों के विवाद सुलझेंगे। ये रास्ते दोबारा किसानों, ग्रामीणों और ढाणियों के निवासियों के लिए खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि आमजन की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और बिना कानूनी झंझटों के रास्तों को खुलवाया जाए।
सरकार का संदेश: ‘जनता को उसका हक मिलेगा’
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभियान के बारे में कहा, “सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी व्यक्ति अपने खेत या घर तक पहुंचने से वंचित न रहे। वर्षों से बंद पड़े रास्ते खोलकर हम आमजन को उनका मूल अधिकार वापस दे रहे हैं।”
आमजन को मिली बड़ी राहत
‘रास्ता खोलो अभियान’ न केवल एक प्रशासनिक पहल है, बल्कि यह राज्य सरकार की आमजन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। जिन लोगों को दशकों से रास्तों की तलाश थी, अब उन्हें राहत मिल रही है। यह अभियान भविष्य में भूमि विवादों को कम करने और गांवों में शांति बहाली की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा।